लोमड़ी और सारस की कहानी
लोमड़ी और सारस की कहानी | The Fox and the Stork Story in Hindi |
उसी जंगल में एक सारस पक्षी रहता था। लोमड़ी ने अपने चालाकी से उसे दोस्त बनाया और खाने पर घर बुलाया। सारस इस बात पर खुश हुआ और लोमड़ी के घर खाने जाने के लिए आमंत्रण स्वीकार कर लिया।
अगले दिन सारस, लोमड़ी के घर खाने पर पहुंचा। उसने देखा लोमड़ी उसके लिए और अपने लिए एक-एक प्लेट में सूप ले कर आया है। यह देख कर सारस मन ही मन बड़ा दुखी हुआ क्योंकि लम्बी चोंच होने के कारण वह प्लेट में सूप नहीं पी सकता था।
लोमड़ी ने चालाकी से सवाल पुछा – मित्र सूप कैसा लग रहा है। सारस ने उत्तर दिया – यह बहुत अच्छा है पर मेरे पेट में दर्द है इसलिए मैं नहीं पी पाउँगा और वह चला गया।
अगले दिन लोमड़ी बिना सारस के बुलाये ही उसके घर पहुँच गया। जब सारस ने देखा तो उसने उसका अच्छे से स्वागत किया। कुछ देर बाद सारस दो लम्बे मुह वाले सुराही में सूप ले कर आया। सारस का लम्बा चोंच आराम से उस सुराही में चला गया और वो सूप पीने लगा पर उस लोमड़ी का मुह उस सुराही में घुसा ही नहीं।
सूप पीने के बाद सारस ने लोमड़ी से प्रश्न पुछा – सूप कैसा लगा। यह सुन कर लोमड़ी को अपना समय याद आया और शर्म के मारे वो वहाँ से चला गया।
कहानी से ज्ञान (Moral of the story)
जैसी करनी वैसी भरनी | यानि कि जो जैसा करता है उसके साथ भी वैसा ही पाता है | बुरे व्यक्ति के साथ हमेशा बुरा होता है। कभी भी स्वयं को सबसे चालाक नहीं समझना चाहिए।
The Fox and the Stork Story in Hindi