जादू की छड़ी | Jaadu Ki Chhadi Story in Hindi | Moral Story

जादू की छड़ी

जादू की छड़ी | Jaadu Ki Chhadi Story in Hindi
जादू की छड़ी | Jaadu Ki Chhadi Story in Hindi

शालू एक अच्छी लड़की थी | लेकिन एक दिन उसे एक जादू की छड़ी मिल जाती है | जो बाद में उसके लिए ही मुसीबत बन जाती है |

एक रात की बात है शालू अपने बिस्तर पर सो रही थी। तभी उसके घर की खिड़की पर बिजली चमकी। यह देख शालू घबरा गई। उसने देखा कि खिडकी के बाहर एक बुढिया हवा में उड़ रही थी। बुढिया खिडकी के पास आइ और उससे बोली शालू तुम एक अच्छी लड़की हो। इसलिए मैं तुम्हें कुछ देना चाहती हूँ। शालू यह सुनकर बहुत खुश हुई।

बुढिया ने शालू को एक छड़ी देते हुए कहा – शालू ये जादू की छड़ी है। तुम इसे जिस भी चीज की तरफ मोड़ कर दो बार घुमाओगी वह चीज गायब हो जाएगी। ठीक अगले दिन सुबह शालू वह छड़ी अपने स्कूल ले गई। वहां उसने बदमाशी करना शुरू किया। उसने पहले अपने सामने बैठी लड़की की किताब गायब कर दी. फिर उसने कई और बच्चों की रबर और पेंसिलें भी गायब कर दीं। किसी को भी पता नहीं चला कि ये सब शालू की हरकत है।

जब वह घर पहुंची तब भी उसकी बदमाशियां बंद नहीं हुई। शालू को ऐसा करने में बड़ा मजा आ रहा था। रसोई के दरवाजे के सामने एक कुर्सी रखी थी। उसने सोचा, क्यों न मैं इस कुर्सी को गायब कर दूँ। जैसे ही उसनें छडी घुमाई वैसे ही शालू की माँ रसोइ से बाहर निकल कर कुर्सी के सामने आ गयी और कुर्सी की जगह शालू की माँ गायब हो गई।

शालू बहुत घबरा गई और वह रोने लगी। इतने में ही में उसके सामने वह बुढिया प्रकट हुई। फिर शालू ने बुढिया को सारी बात बताई। उस बुढिया ने शालू से कहा कि मैं तुम्हारी माँ को वापस ला सकती हूँ | लेकिन उसके बाद मैं तुमसे ये जादू की छडी वापस ले लूंगी। शालू ने कहा तुम्हें जो भी चाहिए ले लो | लेकिन मुझे मेरी माँ वापस ला दो।

तब उस बुढिया ने एक जादुई मंत्र पढ़ा और उसके तुरंत बाद शालू की माँ वापस आ गई। शालू ने मुड़कर बुढिया का धन्यवाद करना चाहा. लेकिन तब तक बुढिया वहाँ से बहुत दूर बादलों में जा चुकी थी। शालू अपनी माँ को वापस पाकर बहुत खुश हुई और दौडकर अपनी माँ के गले से लग गई।

Jaadu Ki Chhadi Story in Hindi
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