जो चाहोगे सो पाओगे | Jo Chahoge So Paoge Story In Hindi | Moral Story

जो चाहोगे सो पाओगे

जो चाहोगे सो पाओगे | Jo Chahoge So Paoge Story In Hindi | Moral Story
जो चाहोगे सो पाओगे | Jo Chahoge So Paoge Story In Hindi | Moral Story

एक साधु घाट किनारे अपना डेरा डाले हुए था। वहाँ वह धुनी रमा कर दिन भर बैठा रहता और बीच-बीच में ऊँची आवाज़ में चिल्लाता, “जो चाहोगे सो पाओगे !”

उस रास्ते से गुजरने वाले लोग उसे पागल समझते थे। वे उसकी बात सुनकर अनुसना कर देते और जो सुनते, वे उस पर हँसते थे।

एक दिन एक बेरोजगार युवक उस रास्ते से गुजर रहा था। साधु की चिल्लाने की आवाज़ उसके कानों में भी पड़ी – “जो चाहोगे सो पाओगे !” “जो चाहोगे सो पाओगे!”

ये वाक्य सुनकर वह युवक साधु के पास आ गया और उससे पूछने लगा, “बाबा! आप बहुत देर से "जो चाहोगे सो पाओगे"  चिल्ला रहे हो। क्या आप सच में मुझे वो दे सकते हो, जो मैं पाना चाहता हूँ।”

साधु बोला, “हाँ बेटा, लेकिन पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पाना क्या चाहते हो?”

“बाबा! मैं चाहता हूँ कि एक दिन मैं हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनूँ। क्या आप मेरी ये इच्छा पूरी कर सकते हैं?” युवक बोला।

“बिल्कुल बेटा! मैं तुम्हें एक हीरा और एक मोती देता हूँ, उससे तुम जितने चाहे हीरे-मोती बना लेना।” साधु बोला। साधु की बात सुनकर युवक की आँखों में आशा की ज्योति चमक उठी।

फिर साधु ने उसे अपनी दोनों हथेलियाँ आगे बढ़ाने को कहा। युवक ने अपनी हथेलियाँ साधु के सामने कर दी। साधु ने पहले उसकी एक हथेली पर अपना हाथ रखा और बोला, “बेटा, ये इस दुनिया का सबसे अनमोल हीरा है। इसे 'समय' कहते हैं। इसे जोर से अपनी मुठ्ठी में जकड़ लो। इसके द्वारा तुम जितने चाहे उतने हीरे बना सकते हो। इसे कभी अपने हाथ से निकलने मत देना।”

फिर साधु ने अपना दूसरा हाथ युवक की दूसरी हथेली पर रखकर कहा, “बेटा, ये दुनिया का सबसे कीमती मोती है। इसे 'धैर्य' कहते हैं। जब किसी कार्य में समय लगाने के बाद भी वांछित परिणाम प्राप्त ना हो, तो इस 'धैर्य' नामक मोती को धारण कर लेना। यदि यह मोती तुम्हारे पास है, तो तुम दुनिया में जो चाहो, वो हासिल कर सकते हो।”

युवक ने ध्यान से साधु की बात सुनी और उन्हें धन्यवाद कर वहाँ से चल पड़ा। उसे सफ़लता प्राप्ति के दो गुरुमंत्र मिल गए थे। उसने निश्चय किया कि वह कभी अपना समय व्यर्थ नहीं गंवायेगा और सदा धैर्य से काम लेगा।

कुछ समय बाद उसने हीरे के एक बड़े व्यापारी के यहाँ काम करना प्रारंभ किया। कुछ वर्षों तक वह दिल लगाकर व्यवसाय का हर गुण सीखता रहा और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से अपना सपना साकार करते हुए हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी बना।

कहानी से शिक्षा (Moral Of The Story)

लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदा ‘समय’ और ‘धैर्य’ नाम के हीरे-मोती अपने साथ रखें। अपना समय कभी व्यर्थ ना जाने दें और कठिन समय  में धैर्य ना छोड़ें। सफ़लता अवश्य प्राप्त होगी।

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