ईर्ष्यालु दर्जी
ईर्ष्यालु दर्जी | Jealous Tailor Story In Hindi | Moral Story |
एक छोटे से गाँव में रमेश नाम का एक दर्जी रहता था। गाँव का एकलौता दर्जी होने के कारण गाँव के लोग उसके पास ही अपने कपड़े सिलवाने आया करते थे। इससे रमेश की अच्छी-खासी कमाई हो जाया करती थी।
रमेश जानता था कि गाँव वालों के पास उसके पास आने के सिवाय अन्य कोई विकल्प नहीं है। इसलिए वह नकचढ़ा हो गया था। कभी कपड़ों की सिलाई को लेकर कोई शिकायत लेकर आता, तो वह उनसे उलझ पड़ता और बदसलूकी करने लगता। लोग उससे बहुत परेशान थे, लेकिन कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण विवश थे।
एक दिन दूर गाँव से शांति नाम की एक गरीब विधवा औरत अपने बच्चे के साथ उस गाँव में आई। वह सिलाई का काम जानती थी। काम की तलाश में वह रमेश के पास गई और उससे विनती की कि वह उसे अपनी दुकान में काम पर रख ले। लेकिन रमेश ने उसे भगा दिया।
शांति के पास जो पैसे थे, उससे उसने एक छोटी सा कमरा और सिलाई मशीन खरीद ली। इस तरह उसने गाँव में सिलाई का काम शुरू कर दिया। उसकी सिलाई अच्छी थी। साथ ही वह मृदुभाषी और मिलनसार थी। इसलिए गाँव के लोग उसके पास कपड़े सिलवाने आने लगे। उसका सिलाई का काम अच्छा चलने लगा और अच्छी कमाई होने लगी।
शांति के आ जाने पर गाँव के लोगों ने रमेश के पास जाना ही बंद कर दिया। ग्राहकों के न आने से रमेश की कमाई का ज़रिया ही बंद हो गया। वह परेशान रहने लगा। वह जब भी शांति को देखता ईर्ष्या से भर उठता।
इधर उसे परेशान देख एक दिन उसकी पत्नि शांति के पास गई और उससे बोली, "बहन, जब से तुम आई हो, कोई मेरे पति के पास सिलाई का काम लेकर नहीं आता। इस छोटे से गाँव में दो दर्जी एक साथ अच्छी कमाई नहीं कर सकते। यदि तुम मान जाओ, तो मैं तुम्हारी दुकान ख़रीदना चाहती हूँ।"
शांति दुकान बेचने को तैयार हो गई। पचास हजार में सौदा तय हुआ। पैसे लेकर शांति उसी शाम अपने बच्चे के साथ गाँव छोड़कर चली गई। इधर रमेश ईर्ष्या में भरकर उस रात शांति की दुकान में आया और उसमें आग लगा दी। दुकान धूं-धूं करके जलने लगी।
जब रमेश की पत्नि को अपने पति की करतूत पता चली, तो वह भागी-भागी वहाँ आयी और बोली, "ये क्या कर दिया तुमने। मैंने आज शाम ही ये दुकान शांति से पचास हजार में ख़रीद ली है। तुमने अपनी ही दुकान में आग लगा दी।"
ये सुनना था कि रमेश सिर पकड़कर बैठ गया। इधर गाँव वालों ने भी उसकी ऐसी करतूत देखकर जमकर पिटाई की।
कहानी से शिक्षा (Moral Of The Story)
ईर्ष्या की भावना दूसरों से कहीं अधिक आपका स्वयं का अहित करती है। इसे कभी अपने मन में स्थान न दें। लोगों के प्रति सदा प्रेमभाव रखें।
Jealous Tailor Story In Hindi