अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर और बीरबल की कहानी | Akabar And Birbal Story In Hindi |
सम्राट अकबर की राज्यसभा में उनके नौ रत्न थे | उन रत्नों में बीरबल प्रमुख थे | अकबर समय-समय पर उन विद्वानों के सामने किसी समस्या के प्रश्नों को पूछते रहते थे |
सब अपनी बुद्धि से समाधान करते थे लेकिन उनमे सभी बीरबल के उत्तरों की प्रशंसा करते थे | बीरबल की बुद्धिमता के कई किस्से आपने जरुर सुने होंगे | यहाँ आज हम आपके सामने बीरबल की बुद्दिमानी का एक बेहतरीन किस्सा शेयर कर रहे है |
एक दिन उन विद्वानों के समक्ष अकबर ने प्रश्न पूछे- किस पौधे का फूल उत्तम होता है ? दूध किसका श्रेष्ठ है ? किसका मिठास अच्छा है ? कौन सा पत्ता अच्छा है ? राजाओ में कौन प्रशंसनीय है ?
उन सभा के पंडितो के बीच में किसी ने गुलाब को और किसी ने कमल को अच्छा बताया | किसी ने गाय के दूध को और किसी ने बकरी के दूध को अच्छा बताया | किसी ने गन्ने के रस को और किसी ने शहद के मिठास की प्रसंशा की |
पत्तो में किसी ने केले के पत्तो को और किसी ने नींबू के पेड़ के पत्तो को अच्छा बताया | उत्तम राजा के नाम का निर्देश करने में भी भिन्न-भिन्न मत थे | किसी ने अकबर को ही राजाओ में बुद्धिमान बताया | अकबर ने सबके उत्तरों को सुना | वहां बीरबल को चुप देखकर अकबर ने उनसे अपना मत बताने के लिए आदेश दिया |
तब बीरबल बोला- राजन, फूल तो कपास का श्रेष्ठ है क्योंकि उससे वस्त्र बनाये जाते है | निर्धन लोग भी उन वस्त्रो से शरीर को ढकते है | दूध माता का ही अच्छा है क्योंकि उसके पोषक बच्चो के लिए और कुछ भी नहीं है |मिठास जीभ का ही प्रशंसनीय है जो दूसरो को भी वश में करता है |
पत्ता पान का ही प्रशंसनीय होता है क्योंकि उसे शत्रु को भी दिए जाने से वह मित्र हो जाये | राजाओ में इन्द्र श्रेष्ठ है क्योंकि उसकी कृपा से भूमि में जलवृष्टि होती है |
यह सब सुनकर सभी ने बीरबल के उत्तरों का अभिनन्दन किया | इसके बाद सम्राट अकबर ने बार-बार बीरबल की प्रशंसा की |
Akabar And Birbal Story In Hindi