एक घंटे की कीमत | Ek Ghante Ki Qeemat Story In Hindi | Moral Story

एक घंटे की कीमत

एक घंटे की कीमत | Ek Ghante Ki Qeemat Story In Hindi | Moral Story
एक घंटे की कीमत | Ek Ghante Ki Qeemat Story In Hindi | Moral Story

एक बार एक आदमी अपने ऑफिस से थका हुआ घर आया। वहां उसने देखा कि उसका 8 साल का बेटा उसका इंतजार कर रहा था। उसे देखते ही उसके बेटे ने बोला कि पापा, क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं? आदमी के हां कहने पर उसके बेटे ने उससे पूछा कि आप एक घंटे में कितना पैसा कमाते हैं?

यह सुनते ही वह आदमी गुस्सा हो गया और बेटे को डांटने लगा। उसके बेटे ने कहा कि वह बस जानना चाहता है। इस पर आदमी ने कहा कि करीब 100 रुपए। फिर उसके बेटे ने उससे कहा कि क्या आप मुझे 50 रुपए दे सकते हैं?

इस पर उस आदमी का गुस्सा और भी बढ़ गया और उसने अपने बेटे को डांटते हुए कमरे में जाने को कहा। बेटा रोता हुआ कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद जब उस आदमी का गुस्सा शांत हुआ तो वह अपने बेटे के कमरे में गया और उससे माफी मांगते हुए उसे 50 रुपए दे दिए।

उसका बेटा बहुत खुश हुआ और तुरंत अपनी गुल्लक से पैसे निकालकर गिनने लगा। उस आदमी ने बेटे से पूछा कि जब तुम्हारे पास पैसे थे तो तुमने मुझसे क्यों मांगे? आखिर तुम्हें क्या खरीदना है?

इस पर उसके बेटे ने कहा कि मेरे पास पैसे कम थे। यह लीजिए 100 रुपए। क्या आप मुझे कल अपना एक घंटा दे सकते हैं? मैं आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हूं।

कहानी से शिक्षा (Moral Of The Story)

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने काम में इतने व्यस्त ना हो जाएं कि परिवार को आपका समय खरीदना पड़े।

Ek Ghante Ki Qeemat Story In Hindi
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