बुरे कर्म का बुरा नतीजा | Bure Karm Ka Bura Nateeja Story In Hindi | Moral Story

बुरे कर्म का बुरा नतीजा

बुरे कर्म का बुरा नतीजा | Bure Karm Ka Bura Nateeja Story In Hindi | Moral Story
बुरे कर्म का बुरा नतीजा | Bure Karm Ka Bura Nateeja Story In Hindi | Moral Story


एक गरीब किसान के पास एक छोटा सा खेत और एक बैल था। बड़ी मेहनत से उसने कुछ पैसे जमा किये और एक बैल और खरीदा। जब वह बैल खरीद कर ला रहा था तो रास्ते में उसे चार युवक मिले। उन युवकों ने किसान से कहा- क्या तुम इस बैल को बेचोगे? किसान ने सोचा, 'मैंने यह बैल 1500 रुपए में खरीदा है। यदि इससे अधिक पैसे मिलते हैं तो मैं इसे बेच दूंगा और इससे बेहतर बैल खरीद लूंगा।'

उस किसान ने उन लड़कों को बैल की कीमत 2000 रुपए बताई। लड़के बोले कीमत तो ज्यादा है क्यों न किसी समझदार व्यक्ति को पंच बनाकर फैसला करा लें। आप और हम यह वचन लेंगे कि जो भी कीमत पंच कहेंगे वह हम मान लेंगे। कुछ सोच कर किसान ने बैल बेचने का वचन दे दिया। थोड़ी देर बाद वहां से एक वृद्ध व्यक्ति गुजरे। सभी ने उन्हें ही पंच बनाने का फैसला किया। किसान ने भी सहमति दे दी। वास्तव में वह चारों लड़के एक ठग पिता की संतान थे और वह वृद्ध कोई और नहीं बल्कि उन चारों का पिता ही था। उन्होंने पिता को ही पंच बना लिया।

पिता ने बैल की कीमत मात्र 500 रुपए तय की। वचन में बंधे किसान को 500 रुपये में बैल बेचना पड़ा। लेकिन वह इस बात को समझ गया कि मुझे ठगा जा रहा है। अगले दिन किसान एक सुंदर महिला के वेश में उन चारों भाइयों से मिला और उनमें से किसी एक के साथ शादी करने की इच्छा व्यक्त की। चारों तैयार हो गए और एक दूसरे से बहस करने लगे कि मैं शादी करूँगा – मैं शादी करूँगा। नारी के वेश में किसान बोला जो मेरे लिए बनारसी साड़ी, मथुरा के पेड़े और सहारनपुर के आम सबसे पहले लाएगा मैं उसी के साथ शादी करूंगी। यह सुन चारों शहर की ओर दौड़े। उनके जाने के बाद किसान ने उस ठग पिता को बहुत पीटा और वहां से चला गया। जब ठग के चारों बेटे वापस आये और अपने पिता को इस स्थिति में देखा तो मन कसौटते रह गए। वे कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि किसान का पता तो वह जानते ही नहीं थे।

अगले दिन वह किसान एक वैद्य का वेश बनाकर उस वृद्ध ठग का इलाज करने पहुँचा। और लड़कों को चार जड़ी-बूटी लाने के लिए अलग-अलग भेजा। लड़कों के जाने के बाद उस किसान ने उस वृद्ध को फिर पीटा और अपना बैल लेकर चला गया। जब चारों भाई लोटे तो पिता को और भी बद्तर अवस्था में पाया। अब उन्होंने प्रण ले लिया कि कभी किसी के साथ ठगी नहीं करेंगे। इस तरह एक मामूली किसान ने अपनी समझदारी से ठगों को सुधार दिया।


कहानी से शिक्षा (Moral Of The Story) 

दोस्तों, बुरे कर्म का परिणाम भी हमेशा बुरा ही होता है। इसलिए सदा अच्छे कर्म करिए। और कभी किसी का बुरा मत सोचिये और न ही किसी के साथ बुरा करिये।

Bure Karm Ka Bura Nateeja Story In Hindi
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