महात्मा बुद्ध और मुर्ख व्यक्ति
महात्मा बुद्ध और मुर्ख व्यक्ति | Mahatma Buddha And Foolish Man Story in Hindi | Moral Story |
महात्मा बुद्ध जिन दिनों बौद्ध धर्म के प्रचार में लगे थे | ऐसे अनेक लोग थे, जिन्हें बुद्ध की बाते पसंद नहीं आती थी | बुद्ध के समर्थको की संख्या दिनों – दिन बढ़ रही थी, तो उनके विरोधियो की संख्या भी कम नहीं थी |
एक दिन महात्मा बुद्ध अपनी शिष्य मंडली के साथ किसी स्थान पर ध्यानस्थ होकर बैठे थे | तभी वहां एक व्यक्ति बुद्ध के पास आया | तब ध्यान में बैठे बुद्ध ने अपनी आँखे खोली और उस व्यक्ति से यहाँ आने का कारण पूछा |
उस व्यक्ति ने महात्मा बुद्ध से कहा की वे अपना उपदेश देना बंद कर दे |
महात्मा बुद्ध बोले- मैं उपदेश क्यों नहीं दूं | आप इसका कारण बताये ?
वह व्यक्ति बोला- आप कारण को छोडिये और जो मैं कह रहा हूँ वो करिए | ये उपदेश देना बंद करिए |
तब बुद्ध बोले- ” जब तक उपदेश बंद करने का सही कारण मेरी समझ में नहीं आता, मैं उपदेश देना बंद नहीं कर सकता |”
इस पर वह व्यक्ति उन्हें गलियां देने लगा | उसके गालियाँ देने पर वहां बैठे बौद्ध भिक्षुओ के समूह में बैचैनी फ़ैल गई और महात्मा बुद्ध के शिष्यों को यह अपमान सहन नहीं हो रहा था | लेकिन बौद्ध चुपचाप उस आदमी की गालियां सुनते रहे | गालियां देते और बुरा – भला कहते हुए वह व्यक्ति कुछ समय बाद थक गया और चुप हो गया |
अब बुद्ध ने शांतिपूर्वक पूछा, ” क्यों मित्र ! चुप क्यों हो गये ? तुम्हारे खजाने में अब देने के लिए क्या और कुछ नहीं बचा है ? जो शेष है उसे भी दे दो | लेकिन विश्वास करो, तुमने मुझे जो भी दिया है, उसमे से मैंने कुछ भी नहीं लिया है | इसलिए वह सब तुम्हारे पास ही रह गया है | ”
वह व्यक्ति बुद्ध की बाते सुनकर पानी – पानी हो गया और बुद्ध के चरणों पर गिर गया और उनसे माफ़ी मांगी |
दोस्तों मनुष्य का जीवन अपने ही हाथों में है, वह अपने को जैसा चाहे बना सकता है | इस का मूलमंत्र यही है की बुरे, क्षुद्र और अश्लील विचार मन में न आने पाए, आप बलपूर्वक इन विचारो को हटाते रहे और उत्कृष्ट व पवित्र विचारो तथा भावो से अपने ह्रदय को पवित्र रखे |
अगर आपके विचार अच्छे और शुद्ध होंगे तो आपको हर जगह अच्छाई ही नजर आएगी किन्तु वही बुरे विचार मन में होने से आप छोटी – छोटी बातो में भी परेशान रहेंगे और अच्छी चीज में भी बुराई ढूँढने लगेंगे जो आपके व्यक्तित्व के लिए बहुत ही बुरा है | इसलिए अपने विचारो को नित्य नए और पवित्र रखे और बुरे विचारो को अपने मन से निकाल फेंके |
Mahatma Buddha And A Foolish Man Story in Hindi